सावली तालुका में रेत की अवैध तस्करी पर प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण की गहरी छाया
"Savli Taluka Sand Smuggling Exposed: Protected by Authorities and Politicians"
बड़े नेता के करीबी कार्यकर्ताओं की मिलीभगत, राजस्व विभाग के अधिकारी रिश्वतखोरी में लिप्त, अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई का अभाव
सावली तालुका में रेत की अवैध तस्करी बड़े पैमाने पर जारी है, जिसमें प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण का स्पष्ट प्रभाव दिखाई दे रहा है। तस्करी करने वाले लोग आर्थिक रूप से समृद्ध होते जा रहे हैं, जबकि राजस्व विभाग के अधिकारी उनसे रिश्वत लेकर चोरी की रेत की तस्करी की खुली छूट दे रहे हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार ने रेत की तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है।
दिन और रात के समय में नदी और नाले से अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है, और इसे बेधड़क बाजारों में पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस अवैध कार्य में कई स्थानीय राजनेता और नगरसेवक भी शामिल हैं, जिनकी मदद से यह काला कारोबार फल-फूल रहा है। हाल ही में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने एक छापेमारी में दो ट्रैक्टर जब्त किए, जिनमें से एक ट्रैक्टर कृषि विभाग से अनुदानित था और केवल कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
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चौंकाने वाली बात यह है कि इस ट्रैक्टर का उपयोग रेत की तस्करी में किया जा रहा था, जो कृषि विभाग के अनुबंध का उल्लंघन है। हालांकि, तहसीलदार ने अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इस बीच, ऐसी भी खबरें हैं कि सावली विधानसभा क्षेत्र के बड़े नेता के दो करीबी कार्यकर्ता इस अवैध गतिविधि में शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इस राजनीतिक दबाव के चलते तहसीलदार कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।
इस बीच, ट्रैक्टर के मालिक ने कृषि विभाग से अनुदानित ट्रैक्टर लेते समय एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे कि वह इसका उपयोग केवल कृषि कार्यों के लिए करेगा, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के बल पर इस अनुबंध की धज्जियां उड़ाई गईं।