"Fake Doctor Exposed in Bramhapuri Taluka, Accused Arrested"

अर्हेरनवरगाव में छापेमारी के दौरान बिना योग्यता वाले डॉक्टर को रंगेहाथ पकड़ा गया; आरोपी के पास मिलीं मेडिकल उपकरणें और दवाइयां

चंद्रपुर जिले के ब्रम्हपुरी तालुका में बोगस डॉक्टरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। तालुका स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विलास दुधपचारे के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने अर्हेरनवरगाव में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। इस छापेमारी में नाजूकराव रामकृष्ण खंडाईत नामक व्यक्ति (उम्र 51) को बिना किसी वैध डिग्री या चिकित्सा प्रमाणपत्र के घर में मरीजों का इलाज करते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया।

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नाजूकराव खंडाईत के पास चिकित्सा पेशे में काम करने के लिए कोई वैध डिग्री, डिप्लोमा या पंजीकृत प्रमाणपत्र नहीं पाया गया। जब डॉ. दुधपचारे ने उनसे चिकित्सा प्रमाणपत्र मांगे, तो वह गोलमोल जवाब देने लगे। आरोपी के घर की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरण और दवाइयों का भंडार मिला। इस गिरफ्तारी से पूरे तालुका में हड़कंप मच गया है और ग्रामीण और शहरी इलाकों में सक्रिय अन्य बोगस डॉक्टरों में भी डर फैल गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने महाराष्ट्र चिकित्सा व्यवसाय अधिनियम 1961 की धारा 33 और 33(अ) के तहत आरोपी नाजूकराव रामकृष्ण खंडाईत के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उन्हें चंद्रपुर जेल भेज दिया गया है।

छापेमारी में शामिल टीम:

छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान टीम में प्रमुख तालुका स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विलास दुधपचारे के अलावा तहसीलदार सतीश मासाळ, विस्तार अधिकारी मिलिंदकुमार कुरसंगे (पं.स. ब्रम्हपुरी), पुलिस अधिकारी अरुण पिसे, महिला पुलिस अधिकारी शिल्पा कातकर, फार्मासिस्ट नेहरीका नांदूरकर, डॉक्टर राहुल सहारे (प्रा. आ. केंद्र अर्हेरनवरगांव), पंकज बोरकर और अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

इस कार्रवाई से स्थानीय बोगस डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासनिक सख्ती का स्पष्ट संदेश गया है। पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है और संभवतः अन्य ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।